IREM Rule No.330: Seniority Of Officers From 1986 Batch/1986 परीक्षा बैच से अधिकारियों की वरिष्ठता
330. Unless otherwise stated, officers appointed to the Indian Railway Services (Group ‘A’) on the basis of competition examinations held by the Union Public Service Commission (UPSC) w.e.f. 1986 Examination batch and Special Class Railway Apprentices (SCRAs) w.e.f. 1983 batch, shall count service for seniority from the date they commence earning increments in the regular scale as Junior Scale Officers in Group ‘A’ subject to the condition that the inter-se seniority of officers in each service recruited as probationers in a particular year will be regulated by their place in the order of merit, which shall be determined on the basis of marks obtained by them during the probationary training and at the competitive examination conducted by the Union Public Service Commission (Apprenticeship training in the case of SCRAs). For this purpose, the marks obtained in the competitive examination conducted by UPSC (Apprenticeship training in the case of SCRAs) and those obtained during probationary training shall be reduced/ increased to the base of 2050 and 1250 respectively.
Provided further that if two or more probationers have secured equal number of marks in the aggregate. their order of merit shall be the order of their dates of birth, the older ranking senior.
जब तक अन्यथा उल्लखित न हो, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर 1986 परीक्षा बैच से भारतीय रेल सेवा, समूह ‘क’ तथा 1983 बैच से विशेष श्रेणी प्रशिक्षु (एससीआरए) में नियुक्त अधिकारियों की वरिष्ठता हेतु सेवा की गणना उस तारीख से की जाएगी जिस तारीख से वे समूह ‘क’ में कनिष्ठ वेतनमान अधिकारी के रूप में नियमित वेतनमान में वेतन वृद्धि प्राप्त करना आरंभ करते हैं परंतु यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि प्रत्येक सेवा में किसी वर्ष विशेष में प्रोबेशनर के रूप में भर्ती अधिकारियों की पारस्परिक वरिष्ठता योग्यता क्रम में, जिसका निर्धारण संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परिवीक्षा प्रशिक्षण के दौरान तथा प्रतियोगी परीक्षा में (एससीआरए के मामले में प्रशिक्षु प्रशिक्षण) उनके द्वारा प्राप्त किए गए अंको के आधार पर किया जाएगा, उनके स्थान द्वारा विनियमित होगी। इस प्रयोजनार्थ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा (एससीआरए के मामले में प्रशिक्षु प्रशिक्षण) में प्राप्त अंकों तथा परिवीक्षा प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अंकों को क्रमशः 2050 और 1250 के आधार पर घटाया/बढ़ाया जाए।
परंतु यह और है कि अगर दो या दो से अधिक प्रोबेशन अधिकारी एक समान अंक प्राप्त करते हैं तो उनका योग्यता क्रम उनकी जन्मतिथि के क्रम में होगा, अपेक्षाकृत बड़े अधिकारी का रैंक वरिष्ठ होगा ।